बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए सरकारी कंपनियों में निवेश की वकालत की है.
पीएम मोदी ने इस दौरान भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से लेकर सावर्जनिक क्षेत्र के बैंकों का ज़िक्र किया था. मोदी ने कहा कि विपक्ष ने लोगों को शेयर में निवेश का फॉर्मूला दिया है. उनका कहना था कि विपक्ष जिन कंपनियों की आलोचना करे, लोगों को उन कंपनियों पर दांव लगा देना चाहिए. इसके अलावा मोदी ने फिर से बीजेपी सरकार आने पर भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की बात भी कही है.
एलआईसी पर मोदी का बयान और आंकड़े
पीएम मोदी ने एलआईसी पर बोलते हुए कहा, ”आप जानते हैं एलआईसी के लिए क्या-क्या कहा गया था. एलआईसी बर्बाद हो गई, गरीबों के पैसे डूब रहे हैं, गरीब कहां जाएगा, बेचारे ने बड़ी मेहनत से एलआईसी में पैसा डाला था, क्या-क्या- जितनी उनकी कल्पना शक्ति थी, जितने उनके दरबारियों ने कागज पकड़ा दिए थे, सारे बोले लेते थे. लेकिन आज एलआईसी लगातार मज़बूत हो रही है. शेयर मार्केट में रुचि रखने वालों को भी ये गुरु मंत्र है कि जो सरकारी कंपनियों को गाली दें ना, आप उसमें दांव लगा दीजिए, सब अच्छा ही होगा.”
मोदी के दावे से इतर एलआईसी के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. एलआईसी ने 10 अगस्त को वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे जारी किए हैं.
नतीजों में कंपनी के मुनाफे में बढ़ोतरी देखी गई है. अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 1299 फीसदी बढ़कर 9543 करोड़ रुपए हो गया है.
एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी का मुनाफ़ा 682 करोड़ रुपये था. निवेश से होने वाली आय की वजह से कंपनी के मुनाफे़ में यह उछाल देखने को मिला है. तिमाही के दौरान निवेश से होने वाली आय पिछले साल के 69570 करोड़ रुपये से बढ़कर 90309 करोड़ रुपये हो गई है.
तिमाही के दौरान कंपनी के प्रीमियम आय में गिरावट आई है. नतीजों के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलआईसी के सीईओ और एमडी सिद्धार्थ मोहंती ने इसे लेकर चिंता भी जताई है.
हालांकि, एलआईसी के आईपीओ निवेशक अब भी घाटे में हैं. पिछले साल 4 मई को भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी का आईपीओ आया था.
एलआईसी भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ था क्योंकि भारत सरकार ने 21 हज़ार करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक जुटाने के लिए अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी या कंपनी के 22.13 करोड़ इक्विटी शेयरों को 902-949 रुपए तक प्रति शेयर पर बेच दिया था.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़, शुक्रवार को एलआईसी के एक शेयर की कीमत 662 रुपए है. मौजूदा कीमत के हिसाब से निवेशक अब भी हर शेयर पर 287 रुपये के घाटे में हैं. इसका मतलब है कि आईपीओ निवेशक 30 फ़ीसदी घाटे में हैं.
अदानी समूह पर अमेरिकी फ़ॉरेंसिक फ़ाइनैंशियल एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद फ़रवरी, 2023 में कंपनी के एक शेयर की कीमत घटकर 582 रुपए तक जा पहुंची थी. बीते एक साल में एलआईसी का शेयर 530 रुपए से लेकर 754 रुपए के बीच घूमता रहा. वर्तमान में कंपनी का मार्केट कैप छह लाख करोड़ रुपए से घटकर 4.18 लाख करोड़ रुपए रह गया है.