Wednesday, October 30, 2024

यादों में जीवंत, सुर की कलम से कमाल करने वाले कवि प्रो. सिंदूर

“गीत संरचना में कवि प्रो. रामस्वरूप ‘सिन्दूर’ अपने समकालीनों में सबसे अलग थे| या यूं भी कह सकते हैं कि वे अपना जवाब खुद ही थे, उनके जैसा शब्दशिल्पी आज के समय में दुर्लभ हैं| सिंदूर केवल कवि ही नहीं थे, वे कुशल फोटोग्राफर, मंजे हुए पत्रकार और सम्पादक भी थे| उन्होंने ‘समारोह’ साप्ताहिक पत्र भी निकाला |”
उपर्युक्त विचार कवि प्रो. रामस्वरूप सिन्दूर की जन्मजयंती पर सिविल लाइंस स्थित यूनाइटेड पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित  ‘गीत सिन्दूरी: सृजन स्मरण (गीत विमर्श) संगोष्ठी में दैनिक जागरण के निदेशक और समारोह के मुख्य अतिथि सुनील गुप्त ने व्यक्त किये |

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सुनील गुप्त, अध्यक्ष इन्द्रमोहन रोहतगी , संगीत जागरण मंच के प्रभारी राजेन्द्र राव और अनिल सिन्दूर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुआ | इसके बाद कविता सिंह ने वाणी वंदना और सिन्दूर जी के गीत ‘आज रात बीती तेरी तस्वीर बनाने में, तस्वीर बनाने में कि एक जंजीर बनाने में’ को प्रस्तुत किया |

कवि दिनेश प्रियमन ने कहा कि प्रेम की अरुणिमा से सिन्दूरी होने तक की यात्रा हैं सिन्दूर जी के गीत जो हमारे जीवन को व्यापक परिप्रेक्ष्य में प्रेममय बनाती है | डॉ. राकेश शुक्ल ने कहा कि सिन्दूर जी के गीत हमारे अंतरतम में अमृत –  आलोक जाग्रत करते हैं , इनके गीतों में चेतना के रूपांतरण की क्षमता है | डॉ. सोनम सिंह ने सिन्दूर जी के गीत पर कहा कि इनके गीत सप्राण हैं सरस हैं | गीतों का शिल्प और भाषिक सौन्दर्य अद्भुत है | युवा कवि हरिओम द्विवेदी ने सिन्दूर के गीत ‘मैं अकथ्य को कहने का अभ्यास कर रहा हूँ’ का पाठ करते हुए कहा कि इस गीत में स्वयं से मिलने की आकांक्षा व्यक्त हुई है| उनका लेखन स्वान्तः सुखाय होते हुए भि बहुजन हिताय है |

कार्यक्रम के अध्यक्ष इंद्र मोहन रोहतगी जी ने सिन्दूर जी के साथ डी-एवी कालेज में बिताये दिनों को याद करते हुए उनके गीत पाठ की शैली अद्भुत थी वे बहुत ही जीवंत व्यक्ति थे| सिन्दूर जी के पुत्र अनिल सिन्दूर द्वारा कार्यक्रम की परिकल्पना की गई | धन्यवाद ज्ञापन और संचालन विनोद श्रीवास्तव ने किया | कार्यक्रम में डॉ. साधना सिंह, योगेश श्रीवास्तव,लोकेश शुक्ल, देवेन्द्र सफल, डॉ. रामनरेश, रोमी – राजेश अरोड़ा, ओम प्रकाश पाठक, त्रिभुवन श्रीवास्तव , गणेश तिवारी, सीमा जैन, सुरेश त्रिपाठी, प्रदीप शिवहरे, रतन कुमार श्रीवास्तव, विजय पाल जैन, सतीश माथुर और दिनेश वाजपेयी आदि उपस्थित थे I

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