काकोरी ट्रेन एक्शन के शताब्दी वर्ष पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह का भव्य शुभारंभ हुआ। महुआ डाबर संग्रहालय और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 19वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। यह आयोजन न केवल ऐतिहासिक चेतना को जीवित करने का प्रयास है, बल्कि कला, संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों को श्रद्धांजलि भी है।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजकुमार मित्तल ने की। प्रो. एस. विक्टर बाबू ने स्वागत भाषण दिया, वहीं काकोरी सेमिनार पर विस्तार से चर्चा इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. वी.एम. रविकुमार ने की। अयोध्या फिल्म फेस्टिवल की यात्रा पर अध्यक्ष प्रो. मोहनदास ने प्रकाश डाला।
क्रांतिवीर शचीन्द्रनाथ बक्शी की पौत्री मिता बक्शी ने भी समारोह को संबोधित किया और काकोरी एक्शन में उनके पूर्वजों की भूमिका पर भावुक विचार साझा किए। इस अवसर पर मेक्सिको के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक पास्कल बोरेल ने भी भाग लिया और भारत में अपने पहले अनुभव को अत्यंत प्रेरणादायक बताया।
महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि पूरे वर्ष भर संग्रहालय ने काकोरी महानायकों से जुड़े स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित किए हैं। उद्घाटन समारोह का संचालन जी.पी. सिंहा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुदर्शन चक्रधारी ने प्रस्तुत किया।
समारोह में महिला क्रांतिकारियों पर आधारित चित्रकला प्रतियोगिता और काकोरी केस से जुड़ी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कई स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया। साथ ही, संग्रहालय द्वारा काकोरी केस से जुड़े दुर्लभ दस्तावेज, पत्र, चित्र, पुस्तकें, अखबार की कतरनें और मुकदमे की फाइलों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जो तीन दिनों तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
पहले दिन प्रदर्शित फिल्में
“द फिफ्थ एज” (निर्देशक: पास्कल बोरेल, मेक्सिको) – यह फिल्म मनोविज्ञान और चेतना की गहराइयों को छूती है।
“मृगमरीचिका” (निर्देशक: मयुरेश वैद्य) – बनारस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में प्रेम और प्रतीकों पर आधारित कहानी।
“प्रभात फेरी” (निर्देशक: महेन्द्र श्रीवास) – रामकिशन विद्यार्थी की प्रेरक दिनचर्या को दिखाने वाली मार्मिक लघु फिल्म।
“असुनी चीखें” (निर्देशक: पार्थसारथी महंत) – महिला सशक्तिकरण पर आधारित फिल्म, प्रमुख भूमिका में सीमा बिस्वास।
“मंडी हाउस का मेंटल” (निर्देशक: माही सिंह) – रंगमंच कलाकारों के संघर्ष और जुनून की भावनात्मक यात्रा।”द फर्स्ट फिल्म” (निर्देशक: पियूष ठाकुर) – 14 वर्षीय लड़की की सिनेमा देखने की साहसी यात्रा, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।
समारोह में डॉ. राजेश कुमार, डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय, डॉ. रेनू पांडे, दीपक मौर्य, आशीष कुमार सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।