Tuesday, August 12, 2025

स्वास्थ, शिक्षा समेत प्रशासनिक क्षेत्रों में ए.आई. लाएगा बड़ा बदलाव : असीम अरुण, भाषा विवि में हुई ए.आई. वर्कशॉप

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ में आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन माननीय कुलपति प्रो अजय तनेजा की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को एआई की नवीनतम तकनीकों, अनुप्रयोगों और भविष्य की संभावनाओं से परिचिय कराया गया।

कार्यशाला के आरम्भ में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस लैब का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्य मंत्री श्री असीम अरुण द्वारा किया गया। कार्यशाला की प्रस्तावना अमन मिश्रा ने रखी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मिलिंद राज, जिनको ड्रोन मेन कहा जाता है ने मशीन लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विज़न, और चैटबॉट डेवलपमेंट जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी दी। ड्रोन मेन ने कहा कि आज का दौर जैक ऑफ ऑल एंड मास्टर ऑफ सम का है साथ ही प्रतिभागियों को प्रायोगिक सत्रों के माध्यम से एआई टूल्स और तकनीकों का अनुभव भी कराया गया।

कार्यक्रम के अगले सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान के अध्यक्ष डॉ पुनीत मिश्रा ने अपने उद्बोधन में फ़्यूचर ऑफ एआई एंड इंटेलीजेंस इन सोशल वेलफेयर पर पर फोकस किया। कार्यक्रम के अगले सत्र में निदेशक समाज कल्याण ने कहा कि मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और डेटा एनालिटिक्स जैसे विषयों पर विस्तार से और अधिक चर्चा करने की आवश्यकता है। कार्यशाला की अगली श्रृंखला में ध्रुव पंडित ने प्रतिभागियों को प्रायोगिक सत्र के माध्यम से चैटबॉट विकास, इमेज रिकग्निशन और डेटा प्रेडिक्शन के उदाहरण के माध्यम से अवगत कराया। साथ विश्वविद्यालय के साथ एमओयू भी साइन किया गया।

कार्यशाला कार्यक्रम के मुख्य अतिथि असीम अरुण ने कहा कि “आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस आने वाले समय में शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य और प्रशासन समेत सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।” उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस भविष्य की कार्यप्रणालियों को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है, और इसका सही उपयोग समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

कुलपति प्रो अजय तनेजा ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों और पेशेवरों दोनों के लिए लाभकारी हैं, क्योंकि ये उन्हें उद्योग की वर्तमान मांग और तकनीकी विकास के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम बनाते हैं।

कार्यक्रम के अंत में माननीय असीम अरुण ने विश्वविद्यालय को स्मार्ट क्लास, हॉस्टल के लिए वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की। कार्यशाला में भाषा विश्वविद्यालय के छात्र, शोधार्थी, शिक्षक और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ नीरज शुक्ल ने किया। विद्यार्थियों के साथ ही कुलसचिव डॉ. महेश कुमार, वित्त अधिकारी साजिद आज़मी, प्रो. चन्दना डे, प्रो. सौबान सईद, प्रो. तनवीर खदीजा, डॉ.  राजेंद्र त्रिपाठी, डॉ. ममता शुक्ला, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. सुमन मिश्रा, डॉ. राजकुमार आदि मौजूद रहे|

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