शहीदों की धरती शाहजहांपुर में कौमी एकता की आवाज़ तब गूँजी जब 1 अगस्त को पंजाब के फिरोजपुर से शुरू हुआ काकोरी एक्शन शताब्दी अभियान 8 अगस्त, काकोरी शताब्दी वर्ष की पूर्व संध्या पर अपने अंतिम पड़ाव शाहजहांपुर पहुँचा, जहाँ शहीद अशफाक उल्ला खाँ की मज़ार पर उनके पौत्र अशफाक़ उल्ला ने
श्री सुधीर विद्यार्थी द्वारा लिखित पुस्तिका “काकोरी का यादनामा : साझी शहादत साझी विरासत” तथा “हमारी विरासत : शहीदों की कलम से कुछ नज़्म'” का लोकार्पण किया। साथ ही काकोरी यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।
अभियान भारत पाकिस्तान सीमा हुसैनाबाद, फिरोजपुर (पंजाब) से शुरू होकर, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड होकर उत्तरप्रदेश पहुँचा था।
मुख्य वक्ता श्री सुधीर विद्यार्थी ने काकोरी के शहीदों राम प्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक उल्ला खां, रोशन सिंह और राजेंद्र लाहिड़ी के बलिदान और उनके दल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोशिएशन की विरासत से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि काकोरी के नायकों ने पहली बार भारतीय प्रजातंत्र की जय का नारा लगाया था। यह कौमी एकता और समतामूलक समाज के निर्माण का पहला कदम था|
अन्य वक्ताओं ने अशफ़ाक-बिस्मिल की साझी शहादत, साझी विरासत, आज़ादी के आंदोलन की क्रांतिकारी विरासत पर बात रखी और वर्तमान दौर की भयावह त्रासदी, पूंजी की लूट, धार्मिक नफरत की राजनीति के खिलाफ़ मेहनतकश जन की संग्रामी एकता से समतामूलक समाज निर्माण के संघर्ष को तेज करने के लिए प्रेरित किया।
अभियान टोली ने क्रांतिकारी गीत प्रस्तुत किए, साथ ही कार्यक्रम में सीएसटीयू के मुकुल, कलेक्टिव के शौर्य, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के फ़ैज़ल भाई, एमएसएस के सूरज, पत्रकार इरफान खान, पवन सिंह, रजनीश गुप्ता आदि मौजूद रहे|