हरदोई प्रशासन के लिए शर्मनाक, जाने अंजाने कर रहा है भगत सिंह के साथी क्रांतिवीर का अपमान
भगत सिंह के सहयोगियों में से एक जयदेव कपूर, जिन्होंने क्रांतिकारी डॉ• गया प्रसाद व शिव वर्मा के साथ 17 वर्ष जेल की यातनाएँ सहीं, उनके पौत्र मयूर कपूर को 79वें स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार करने पर विवश होना पड़ा| मयूर कपूर ने ‘जनमानस’ संवाददाता से विशेष बात-चीत में बताया कि 5 वर्ष पूर्व मार्च 2020 में प्रशासन द्वारा जिलाधिकारी पुलकित खरे के कार्यकाल में “स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू जयदेव कपूर द्वारा” की स्थापना हरदोई में सीतापुर ओवरब्रिज पर की गई थी|
4 माह पूर्व जयदेव कपूर की याद में बना द्वार क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी शिकायत परिवार के बड़े बेटे संजय कपूर ने नगर पालिका अध्यक्ष शिव सागर मिश्रा से कर, द्वार की मरम्मत करने की गुजारिश की लेकिन उसके बाद से ही झूठे आश्वासन का सिलसिला शुरू हो गया, जिलाअधिकारी मंगला प्रसाद से भी परिवार के लोगों ने इस संदर्भ में जब बात की तो कोई समाधान नहीं निकला, कुछ समय बाद जिलाधिकारी का तबादला हो गया वर्तमान जिलाधिकारी अनुनया झा
ने यह कहते हुए आश्वासत किया कि ’15 अगस्त से पहले स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति में बने इस क्षतिग्रस्त द्वार की मरम्मत कर पुन: उसी विराटता के साथ लगवा दिया जाएगा|’ मगर आज़ादी 79वें पर्व पर भी क्रांतिवीर कपूर की याद में बना द्वार सड़क किनारे पड़ा धूल खा रहा है, जो की परिवार के लिए पीड़ादायक है|
इस स्थिति को देखते हुए सरकारी दफ़्तरों के चक्कर लगा थक चुके परिवार ने ये निर्णय लिया कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य आज़ादी के महोत्सव के किसी भी सरकारी अथवा गैर सरकारी आयोजन में शामिल नहीं होगा ना ही किसी भी प्रकार का सम्मान लेगा|
क्रांतिवीरों के वंशजों के हक और उनकी परिस्थितियों के विषय को छोड़कर सीधे उनके पूर्वज राष्ट्र नायकों के प्रति ऐसा असम्मानजनक रवैया हरदोई प्रशासन के लिए शर्मनाक है| परिवार का कहना है कि हमारे पूर्वज देश की धरोहर थे ऐसे में सड़क किनारे पड़े उनके नाम लिखे द्वार पर लोगों द्वारा कूड़ा फेंका जाना, पेशाब करना बहुत पीड़ा दायक है, परिवार ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा 15 अगस्त को आए सभी आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है|
इस विषय पर भगत सिंह के भतीजे किरण जीत सिंह ने कहा कि ‘ये बेहद दुःखद है एक तरफ सरकार आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाती है तो दूसरी तरफ प्रशासन आज़ादी के नायकों का ऐसा अपमान करे, ये दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं इसकी घोर आलोचना करता हुँ|’
ऐसे में देश के समस्त क्रांतिवीरों के वंशजों के संगठन ऐलान-ए-इंकलाब के राष्ट्रीय अध्यक्ष क्रांति कुमार कटियार ने कहा है कि ‘जयदेव कपूर वो क्रांतिवीर थे जिन्हें भगत सिंह ने दिल्ली की तत्कालीन संसद में बम फेकने जाते वक़्त अपने बेशकीमती जूते और घड़ी दिए थे, जो आज भी उनकी ज़िंदा निशानी के रूप में परिवार के पास सुरक्षित हैं यदि कपूर परिवार के प्रति प्रशासन का ऐसा ही उदासीन और अपमानजनक रवैया रहा और जयदेव कपूर की पुण्यतिथि 19 सितंबर तक भी स्मृति द्वार का जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो देश भर के समस्त स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के वंशज हरदोई जिलाधिकारी कार्यलय का घिराव करेंगे|