Friday, August 1, 2025

उ•प्र• अभिलेखागार ने आज़ाद जयंती पर कानपुर में आयोजित की अभिलेख प्रदर्शनी व व्याख्यान माला

चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती पर संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित उ०प्र० राजकीय अभिलेखागार, ने ब्रह्मावर्त पी. जी. कॉलेज एवं ब्रह्मनन्द्र कॉलेज, कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में  एकदिवसीय अभिलेख प्रदर्शनी एवं संगोष्ठी का आयोजन किया, मुख्य अतिथि वी•एस•एस•डी• कॉलेज इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो डॉ• अनिल कुमार मिश्रा ने कहा की मुझे ख़ुशी है की संस्कृति विभाग की प्रादेशिक संस्था ने आजाद जयंती मनाने का वह क्षेत्र चुना जो स्वयं आजाद की कर्म भूमि है और जहाँ आजाद की याद में उनकी सर की टोपी आज भी संरक्षित है|

मुख्य वक्ता डॉ• हरीश कुमार सिंह ने कहा चंद्रशेखर आज़ाद के किरदार के बारे में आज भी लोग न्यूनतम जानकारी रखते हैं, बस केवल ये ही जानते हैं कि वे एक क्रांतिकारी थे, जिन्होंने प्रयागराज के एलफ्रेड पार्क में खुद को गोली मार ली थी| डी•ए•वी• कॉलेज के पूर्व विभाग अध्यक्ष डॉ समर बहादुर सिंह ने कहा चंद्रशेखर आज़ाद जनेऊ धारी ब्राह्मण थे, उनकी माता जी की सेवा करने का अवसर कई क्रांतिकारियों को मिला कानपुर इतिहास समिति के महासचिव श्री अनूप शुक्ल ने कहा आज़ाद कभी एक जगह नहीं रहते थे, उनका निवास समय-समय पर अलग-अलग जगह होता रहता था| उनका पैतृक गाँव भौंती है जिस बात से लोग अंजान है, हमारी कोशिश है कि भौंती में उनका स्मरण स्थल बने व सरकार उन्हें भारत रत्न दे|

चंद्रशेखर आजाद के साथी क्रांतिकारी डॉ• गया प्रसाद कटियार के पुत्र श्री क्रांति कटियार ने कहा मेरे पिता डॉ• गया प्रसाद आज़ाद के प्रमुख साथियों में एक थे एवं आज़ाद ने उन्हें पार्टी की अहम जिम्मेदारी दे रखी थी, आज़ाद को कानपुर लाने के लिए जब पिता जी झांसी भेजे गए थे, तब लौटते वक़्त ट्रेन में आज़ाद का हाथ जेब में रखी पिस्तौल पर से हटा तक नहीं था, ऐसा पिता जी बताया करते थे, ये उनकी पहली मुलाक़ात थी| क्रांतिकारी सुरेन्द्र पांडे के पौत्र सुधिन्द्र पांडे ने कहा मेरे बाबा आज़ाद के अहम साथियों में थे, मुझे दुख होता है जब शहर की पहचान कुछ फूहड़ हास्य कलाकारों से होने लगती है तो वहीं अन्य वक्ताओं में प्रो डॉ• सुमन शुक्ला ने अभिलेखागार के प्रयासों की सराहना करते हुए आज़ाद पर कुछ रचनाएं पढ़ी डॉ• शालिनी सिंह ने कहा आज़ाद के जीवन के समग्र पहलुओं युवाओं को विवेचना व शोध करने की सलाह दी| प्रो• रमाशंकर सिंह ने कहा कि ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए, उत्तर प्रदेश अभिलेखागार ने अभिलेखागार का लोकतंत्रीकरण कर दिया है यह एक सराहनीय पहल है|

कार्यक्रम का संयोजन राजकीय अभिलेखागार के शिवकुमार यादव एवं ब्रह्मानंद कॉलेज गणित विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर सत्यनारायण मिश्र ने किया तो वहीं संचालन डॉ• अमित कुमार दुबे ने किया कार्यक्रम के अंत में आभार भाषण दिनेश कुमार ने दिया|

कार्यक्रम में विशेष रूप से  प्रो० नवनीत कुमार मिश्र, डॉ० अंजन कुमार गुप्ता, डॉ० चन्द्र किशोर शास्त्री, डॉ० बप्पा अधिकारी, डॉ० दिव्या भदौरिया, श्रीमती खुशबू सिंह, डॉ० राघवेन्द्र त्रिपाठी, श्री अजय मिश्रा, श्री अंकुर मिश्र, श्री विनोद कुमार कुशवाहा, श्री शिव शरण त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

वक्तव्यों के साथ ही आज़ाद के क्रांतिकारी योगदान एवं स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित दुर्लभ दस्तावेजों, अभिलेखों एवं छायाचित्रों की प्रदर्शनी अभिलेखागार द्वारा प्रस्तुत की गई। साथ ही, संगोष्ठी में इतिहासकार, शिक्षाविद्, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया|

 

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