नहीं रहे, समाजसेवी रवि शंकर मेहरोत्रा
कानपुर,21 सितंबर। स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार गणेश शंकर विद्यार्थी के नज़दीकी रहे वरिष्ठ समाजसेवी रवि शंकर मेहरोत्रा (104) का उनके निज निवास नवशील सदन (पार्वती बागला रोड) में 20 सितंबर देर रात्रि को निधन हो गया।
104 वर्षीय रवि शंकर मेहरोत्रा के ना रहने से कानपुर के साहित्य एवं लेखक समाज में दुख की लहर दौड़ गई…उनके जाने से शहर ने एक ऐसा व्यक्तित्व खो दिया है जो विद्यार्थी जी की पत्रकारिता और स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत का प्रत्यक्ष गवाह था, जिसके संस्मरणों में सिर्फ विद्यार्थी जी और उनके संरक्षण में पल्लवित होने वाले क्रांतिवीर ही नहीं महात्मा गांधी भी शामिल थे|
श्री रवि शंकर मेहरोत्रा जीवन भर विद्यार्थी जी के आदर्श, सत्य, निडरता और जन सेवा को अपना पथ प्रदर्शक मानते रहे स्वतंत्रता संग्राम की चेतना और पत्रकारिता के मूल्यों को उन्होंने अपने जीवन में आत्मसात किया था| बाल्य काल से ही उनके जीवन पर गणेश शंकर विद्यार्थी का गहरा प्रभाव था, क्योंकि विद्यार्थी जी नहीं बाल अवस्था में मेहरोत्रा जी को न सिर्फ इसने दिया था बल्कि अपने प्रताप प्रेस के नजदीक एक कमरा भी दिलवाया था|
दिवंगत श्री रविशंकर मेहरोत्रा जी के ज्येष्ठ पुत्र श्याम मेहरोत्रा ने बताया कि पिता जी का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह भैरव घाट में किया गया, वे जीवन भर सामाजिक सरोकारों और जनहित के कार्यों के लिए सक्रिय रहे।
कानपुर इतिहास समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने गोविंद नगर में आयोजित शोकसभा में कहा कि उनके निधन से कानपुर ने एक प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया है। इतिहासकार अनूप शुक्ला, विश्वम्भरनाथ त्रिपाठी, माहेश्वरी शर्मा कौशल किशोर शर्मा एडवोकेट, कुणाल सिंह, प्रखर श्रीवास्तव, हर्षित सिंह वैस, आकर्षण तिवारी, शुभम त्रिपाठी आदि ने शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।