बीते शुक्रवार देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार, भाषाविद तथा हिंदी के सुप्रसिद्ध आलोचक डॉ रामविलास शर्मा की जयंती के अवसर पर एक संगोष्ठी “हिंदी पत्रकारिता के 200 वर्ष” का आयोजन स्थानीय महात्मा गाँधी पुस्तकालय उन्नाव में किया गया। जिसमें उपस्थित वक्ताओं ने हिंदी के प्रथम अखबार उद्दंड मार्तण्ड से प्रारंभ हुई पत्रकारिता से आज तक की पत्रकारिता के सफर पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का आयोजन डॉ रामविलास शर्मा शोध सृजन संस्थान द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सूचना निदेशालय से सेवानिवृत्त हेमंत नंदन पंत ने की तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ रामनरेश द्वारा किया गया। इस अवसर पर “डॉ रामविलास शर्मा पत्रकारिता सृजन सम्मान” से वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा जी को सम्मानित किया गया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश शर्मा ने हिंदी पत्रकारित के 200 वर्ष को पाँच काल खंडों में बांटते हुए अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रताप अखबार के संस्थापक सम्पादक गणेश शंकर विद्यार्थी काल को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि साख के संकट के दौर में भी उम्मीद की किरण अभी भी है। वह दिन दूर नहीं जब जनहित, राष्ट्रहित की पत्रकारिता का दौर आएगा। उन्होंने वैकल्पिक मीडिया का गला दबाने के लिए ब्राडकास्टिंग बिल लाये जाने की केंद्र सरकार की चेष्टा की आशंका जताई।
महेश शर्मा ने कहा विचार, सृजन और सवाल से प्रारंभ हुई पत्रकारिता में मूल उद्देश्यों में क्षरण होते-होते आज की पत्रकारिता के चाटुकारिता में बदलने से समाज में प्रारंभ हुई पत्रकारिता का अपने उद्देश्यों से भटकना दुखद है परंतु पत्रकारिता में आए बदलाव वैकल्पिक संसाधनों की बदौलत समाज का एक वर्ग पत्रकारिता के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने कहा की अखबार उद्योग में कारपोरेट जगत की मजबूत दखलंदाजी के चलते पत्रकारिता अपने वास्तविक उद्देश्यों से भटककर केवल उनके निजी उद्देश्यों को पूरा करती हुई नजर आ रही है । संगोष्ठी को प्रमुख रूप से वामपंथी कार्यकर्ता अखिलेश तिवारी, मौलाना हसरत मोहानी पुस्तकालय के प्रबंधक तथा पत्रकार अबरार अहमद, कवि एवं पत्रकार नसीर अहमद नसीर, कवि एवं अधिवक्ता सरल कुमार सरल, सभासद बृजेश पांडे, हिंदुस्तान संवाद समूह के अरुण दीक्षित तथा अरुण पांडे पत्रकार, संजीव श्रीवास्तव ने संबोधित किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से दिनेश प्रियमन, पूर्व प्रधानाचार्य श्री राम सिंह यादव, गिरिजेश पाण्डेय, पी के मिश्रा, के के मिश्रा, संजय कुमार जायसवाल, यज्ञ दत्त शर्मा, कुंज बिहारी, ब्रजकिशोर वर्मा, राकेश कुमार अस्थाना,राज बख्श सिंह, अनुपम आदि प्रमुख रूप से मौजूद थे।