6 फरवरी को कोलकाता हाई कोर्ट के सामने हैरान करने वाली जानकारी सामने आई | अदालत को जानकारी दी गई है कि सजा काटने के दौरान पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद महिलाएं गर्भवती हो रही हैं |
मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवज्ञानम और जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य की बेंच के सामने जानकारी पेश की गई है | साथ ही मांग की गई है कि सुधार गृह में महिला कैदियों के पास पुरुष कर्मचारियों का जाना बंद कराया जाए|
एमिकस क्यूरी ने अदालत को जानकारी दी, “कैदी सजा के दौरान गर्भवती हो रही हैं | कम से कम 196 बच्चों का जन्म अलग-अलग जेलों में हुआ है |
उन्होंने कहा दिलचस्प बात यह है की कस्टडी में रहने के दौरान कैदी गर्भवती हो रही हैं और बाद में बच्चे जेलों में पैदा हो रहे हैं |
उन्होंने कोर्ट को बताया कि मैं हाल ही में पुलिस अधिकारी के साथ एक सुधारगृह पहुँचा था | वहाँ पाया कि एक महिला गर्भवती है और 15 अन्य महिलाएं अपने बच्चों के साथ हैं | जिनका जन्म जेल में ही हुआ था | अदालत की तरफ से इस मामले को गंभीर बताया गया है | एक वरिष्ठ IPS अधिकारी ने जानकारी दी है कि 6 साल से कम के बच्चे को उसकी माँ के साथ जेल में रहने की इजाजत दी जाती है, लेकिन इस बात कि मुझे जानकारी नहीं है कि महिला जेल में गर्भवती हो रही इसकी संभावना नहीं है |
हिंदुस्तान अख़बार के पत्रकार निसार्ग दीक्षित की रिपोर्ट के अनुसार 1 जनवरी 2024 के आंकड़े बताते हैं कि पश्चिम बंगाल की 60 जेलों में करीब 26 हजार महिला कैदी रही हैं | जनवरी में 1265 अंडरट्रायल थीं और 448 दोषी साबित हो चुकी हैं जबकि 174 उम्र कैद की सजा काट रही हैं |