Saturday, July 27, 2024

17,843 करोड़ की लागत से बने ‘अटल सेतु’ की ये हैं खासियतें

6 लेन वाला यह पुल 21.8 किलोमीटर लम्बा है और देश का सबसे लंबा समुद्री पुल है | इससे मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी तेज होगी और मुंबई से पुणे व गोवा की यात्रा का समय घट जाएगा |

किन वाहनों को है अनुमति

इस पुल पर कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनी बस और टू एक्सल बस को अधिकतम 100 किलोमीटर घंटे की गति से चलने की अनुमति है | वहीं इस पुल पर मोटर बाइक ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर चलाने की मनाही है |

प्रख्यात प्रोफेसर संजीव भानावत ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव साझा करते हुए लिखा कि – यह पुल
देश का सबसे बड़ा समुद्री सेतु है। विश्व के कुछ प्रमुख सबसे उंचे पुलों में से यह एक है। इससे पूर्व ब्रह्मपुत्र नदी पर 9.15 किलोमीटर लंबा भूपेन हजारिका पुल देश का सबसे बड़ा समुद्री सेतु था।

नव निर्मित अटल सेतु 22 किलोमीटर लंबा है जो16.5 किलोमीटर समुद्र पर बना है और लगभग 5.5 किलोमीटर जमीन पर है । इस पुल को तैयार करने में अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। लगभग 1500 इंजीनियरों और 16500 कुशल मजदूरों से की देखरेख में तैयार किया गया यह पुल लगभग 5 वर्षों में बनकर तैयार हुआ है । तीन शिफ्ट में दिन रात कार्य चला रहा। वर्ष 1962 में इस परियोजना की योजना के बारे में सोचा गया था और 2016 में प्रधानमंत्री ने इसका शिलान्यास किया था । अप्रैल 2018 में कार्य शुरू किया गया और 2024 में यह कार्य पूरा हुआ। लगभग 18000 करोड रुपए की यह परियोजना जलीय पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी सुरक्षित है। ध्वनि और कंपन को कम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है। इसकी डिजाइन भूकंप प्रतिरोधी है। यह समुद्री सेतु 6.5 रिक्टर पैमाने तक की तीव्रता के भूकंप को सहन कर सकते की क्षमता रखता है। शोर को कम करने के लिए विशेष प्रकार के साइलेंसर और ध्वनि अवरोधों का प्रयोग किया गया है जिससे समुद्री जंतुओं पर किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव नहीं पड़े ।

एक तरफ का टोल शुल्क ₹250 है। एक ही दिन में वापसी के लिए शुल्क रुपए 375 देने पड़ेंगे। दावा किया गया है कि इस सेतु के बन जाने से मुंबई और नवी मुंबई के बीच यात्रा का समय डेढ़ से 2 घंटे की बजाय मात्र 15 से 20 मिनट का रह जाएगा। यहां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से वाहन चलाए जा सकते हैं। चढ़ते और उतरते समय यह गतिसीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा है ।इससे लगभग ₹500 के ईंधन की बचत होगी। टू व्हीलर्स और थ्री व्हीलर्स का प्रवेश वर्जित है।
पुणे और गोवा सहित दक्षिण भारत की यात्रा में समय की काफी बचत भी हो सकेगी।

इस पुल के निर्माण में एफिल टावर से 17 गुना ज्यादा स्टील का प्रयोग किया गया है जबकि न्यूयार्क स्थित स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी में प्रयोग किए गए कंक्रीट से यहां 6 गुना अधिक कंक्रीट का उपयोग किया गया है।

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