ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में महान संत और समाज सुधारक संत कबीर दास जी की जयंती सादगी और श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो• अजय तनेजा ने की कार्यक्रम की शुरुवात प्रशासनिक सभागार में कबीरदास जी के दोहों के पाठ और गायन के साथ हुई। सभी अतिथियों का सम्मान स्मृति चिह्न के रूप में तुलसी का पौधा और वस्त्र अलंकरण हिंदी विभाग के डॉ योगेंद्र कुमार सिंह और डॉ आराधना अस्थाना ने किया।
मुख्य अतिथि प्रो. वाई पी सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय ने कहा कि ख़्वाजा चिश्ती के परिसर में कबीर को याद किया जाना सुखद है। कबीर दास जी ने धार्मिक पाखंडों और जातिगत भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उनका संदेश मानवता और सच्चाई पर आधारित था। कबीर के दोहों पर ही सिक्ख धर्म बना। कबीर ने विपरीत परिस्थितियों में समाज जागरण का कार्य किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में प्रो सिंह ने संत कबीर के जीवन, उनके विचारों तथा समाज सुधार के उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत कबीर ने भाषा, जाति और धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर मानवता का संदेश दिया, जो आज के समय में और भी प्रासंगिक हो गया है। प्रो सिंह ने कबीर दास के जीवन, उनके समाज सुधारक दृष्टिकोण और ‘निर्गुण भक्ति’ पर आधारित विचारधारा पर प्रकाश डाला।
जयंती कार्यक्रम के अगले सत्र में भाषा विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो अजय तनेजा ने अपने संबोधन में कहा कि “कबीर की वाणी न केवल आध्यात्मिक जागरण का स्रोत है, बल्कि सामाजिक समरसता और नैतिक मूल्यों का मार्गदर्शन भी करती है।” प्रो तनेजा ने कहा कि कबीर ने सभी धर्मों और सामाजिक विसंगतियों पर प्रश्न चिह्न लगाया। प्रो तनेजा ने कहा कि कबीर के दोहे आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने उनके समय में थे| जयंती कार्यक्रम में भाषा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ महेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और संत कबीर की शिक्षाओं को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी।
कबीर जयंती कार्यक्रम की संयोजिका हिन्दी विभाग की विषय प्रभारी डॉ जहां आरा जैदी रही। जयंती कार्यक्रम का संचालन डॉ योगेंद्र कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ जहां आरा जैदी ने कहा कि आज महान संत, समाज सुधारक और कवि संत कबीर दास जी की जयंती के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन संत कबीर के जीवन, विचारों और काव्य पर आधारित था, जिसका उद्देश्य समाज में समानता, भाईचारे और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देना रहा है।
कबीर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में वित्त अधिकारी साजिद आज़मी, डीन अकादमिक प्रो सौबान सईद, प्रो फखरे आलम, डॉ मनीष कुमार, डॉ राजकुमार सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।