Saturday, July 27, 2024

बेमौसम बारिश से धुली किसानों की उम्मीदें

जैसे ही शनिवार शाम को बादलों की आवाजाही के बीच गड़गड़ाहट सुनाई दी तो किसान टकटकी लगाए आसमान की ओर प्रभू से गुहार लगाते हुए दिखे। क्योंकि इस समय रबी की फसल पूरी तरह से तैयार खड़ी है। ऐसे में मौसम धोखा देता है तो किसानों की पीक पाइंट पर मेहनत फसल के साथ नष्ट हो जाएगी। हालांकि इन दिनों सरसों की फसल पकने के बाद जिले भर में फसल कटाई का दौर भी शुरु हो गया है। वहीं पिछैती बुआई वाली फसलों का पकने का समय पीक पर है।
ऐसे में मौसम की मार किसानों के चेहरे पर साफ झलक रही है। क्यांेकि यदि बारिश होती है तो खेतों में कट रही सरसों की फलियां झड़ने लगेंगी और उत्पादन घटने की पूरी संभावना रहेगी। वहीं पिछैती सरसों में बरसात के कारण पुन: सरसों अंकुरित होने से सरसों को नुकसान होगा। इससे सरसों का दाना पतला होगा। साथ ही तेल की मात्रा भी कम हो जाएगी। कृषि विभाग के अनुसार वर्षा होने पर खेतों में खड़ी सरसों की फसल में काफी नुकसान हो सकता है। मौसम में दूसरे दिन भी बदलाव नजर आने से किसानों की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है।

सरमथुरा|मौसममें आए परिवर्तन से जनमानस बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बारिश की रिमझिम के साथ तेजी के साथ ठंडी बयार ने मौसम का मिजाज बदला है। जिससे किसान मायूस हैं। हवा की तीव्रता ने घर से लोगों का निकलना भी मुश्किल कर दिया है। कई दिनो से मौसम में आई गरमाहट से ऊनी कपडों से पूरी तरह छुटकारा मिल गया था। रविवार को मौसम का अत्यधिक प्रभाव सरसों की फसल पर पडता दिखा। कृषक गिर्राज शर्मा, रामेश्वर मीणा, शिवराम, सुल्तान सिह, रघुवीर सिंह ने बताया कि एकाएक मौसम में आए बदलाब से सरसों की फसल बर्बाद होने के कगार पर है। बरसात का फसल पर कम प्रभाव दिखाई दे रहा है लेकिन हवा में तीव्रता अधिक होने के कारण सरसों की फसल को गिरने का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि सरसों की फसल पकाव पर है। किसानों ने बताया कि मौसम की बेरूखी का असर गेहूं पर नहीं पडता दिख रहा है। गेहूं में पानी की जरूरत है। गौरतलब है कि उपखण्ड में किसानों द्वारा करीब 3 हजार हैक्टेयर भूमि में सरसो की बुवाई की है जो पक कर तैयार है। वही 1 हजार 7 सौ हैक्टेयर भूमि मे गेंहूं की बुवाई है। जिसे पानी की जरूरत है।

सब्जियों के राजा पर भी संकट

इनदिनों खेतों में सब्जियों का राजा आलू की भी बंपर पैदावार जिले में हुई है और आलू पक कर तैयार हो गया है और किसान आलू को खोदने में जुगत में कई जगहों पर खुदाई भी शुरु हो गई है। ऐसे में किसानों ने पूर्व से आलू के पाल को काट दिया है, लेकिन मौसम परिवर्तन के कारण किसान आलू को लेकर भी परेशान हैं। किसान नेहरू सिंह, नारायन सिंह त्यागी, राजू त्यागी, महेंद्र सिंह आदि ने बताया कि पाल काटने के बाद आलू पर हवा पानी पड़ने से आलू के कंद पर हरापन आने से आलू की क्वालिटी गिरती है। जिससे तो किसानों को आलू का अच्छा भाव मिलता है और ही ग्राहक आलू पकड़ता है। इसे लेकर आलू करने वाले किसान बहुत चितिंत है। मौसम के बिगड़े हालत देखकर किसानों ने आलू की चल रही खुदाई को बंद कर दिया।

हवाने बिगाड़ा गेहूं का रूख

मौसमपरिवर्तन के साथ शीतलहर चलने से जहां आलू और सरसों की फसल को लेकर किसान परेशान हैं। वहीं तेज हवाओं के कारण खेतों में लहलहाती गेहूं की फसल को भी नुकसान होता दिखाई दे रहा है। आलम यह है कि शनिवार रविवार को तेज हवा चलने से कई जगह खेतों में खड़ी फसल लेट गई जिसे देखकर किसान मायूस हैं। कृषि विभाग के सहायक निदेशक नाथूराम ढाणी ने बताया कि मौसम परिवर्तन से सरसों तथा आलू की फसल में नुकसान होने की संभावना है। साथ ही जिन किसानों ने गेहूं की फसल में हाल ही में सिंचाई की है। ऐसे में हवा चलने से गेहूं की फसल को भी नुकसान हो सकता है।

खेतोंमें इस समय कई जगहों पर फसल काटने का दौर शुरु है तो कहीं आगामी दिनों में शुरु हो जाएगा। से में किसानों को सरसों गेहूं की फसल की कटाई और थ्रेसर से गेहूं निकालने के कार्य में सावधानियां बरतनी चाहिए। किसान फसल काटते और थ्रेसर से निकालते समय ढीले कपड़े पहनें। थ्रेसर पर काम करते वक्त ढीले कपड़े थ्रेसर मशीन में फंसने से दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। खलिहान बिजली की तारों से दूरी पर बनाएं। आग लगने जैसी अवस्था में थ्रेसर मशीन के पास पानी और रेत आदि की समुचित व्यवस्था करें।

^मौसम में अचानक बदलाव से सरसों की अगेती फसल में नुकसान होने की संभावना है। साथ ही बोए आलू की नालियों में भी बरसात का पानी भर जाने से आलू पर मिट्टी लगने से आलू की क्वालिटी गिरेगी। वहीं ज्यादा समय तक पानी रहने से आलू में सड़न भी होगी। वैसे इस बारिश से गेहूं की पिछैती फसल के लिए बारिश फायदेमंद है। लेकिन हवा चलने से गेहूं को भी नुकसान की स्थिति बनी है।

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