Monday, December 9, 2024

भाषा विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह में मिले 149 पदक, छात्रों में दिखा उत्साह

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के 9वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। सीतापुर हरदोई रोड स्थित ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में माननीय कुलपति महोदय प्रो॰ एन ॰ बी ॰ सिंह के मार्गदर्शन में 9वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता माननीय कुलाधिपति द्वारा की गई। समारोह की शुरुआत शोभा यात्रा के साथ प्रारम्भ हुई जिसका नेतृत्व कुलसचिव, डॉ महेश कुमार ने किया । शोभा यात्रा के पश्चात विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रगीत वंदेमातरम् प्रस्तुत किया गया जिसके उपरांत पर्यावरण संरक्षण से संबंधित काव्य पाठ भी किया गया। तदोपरांत विद्यार्थियों द्वारा विश्वविद्यालय की गरिमामय गाथा उसके कुलगीत के रूप में लयबद्ध की गई।

वहीं कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए माननीय कुलपति महोदय प्रो० एन॰ बी॰ द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलाधिपति महोदया एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को पुष्प भेंट कि या गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका में प्रो॰ शिशिर सिन्हा, महानिदेशक, सिपेट, भारत सरकार रहे और विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री योगेंद्र उपाध्याय, मा॰ उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार एवं श्रीमती रजनी तिवारी, मा॰ राज्य मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।

समारोह में स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. नरेन्द्र बहादुर सिंह ने 9वें दीक्षांत में आए सभी आगंतुकों का स्वागत किया। कुलपति ने कहा कि माननीय राज्यपाल के मार्गदर्शन से विद्यार्थी चरित्र निर्माण कर रहें हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। भाषा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विश्वविद्यालय का नाम रौशन कर रहें हैं। वहीं उनके द्वारा विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या भी प्रस्तुत की गई|
उसके बाद सभी संकाय अध्यक्षों ने अपने अपने संकाय के पदक एवं पीएच. डी. उपाधि धारकों के लिए माननीय कुलपति के द्वारा उपाधि एवं दीक्षा देने की घोषणा की औपचारिकता की गई। दीक्षा कार्यक्रम के पश्चात माननीया राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सभी की डिग्रियां को डिजी लॉकर पर अपलोड करने का उद्घाटन किया गया। इसके पश्चात पीएच. डी. डिग्रियों का वितरण किया गया। इसके बाद पदक वितरण कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें मुख्यत : 61 स्वर्ण पदक सहित 149 रजत एवं कांस्य पदक माननीय राज्यपाल, श्रीमती आनंदी बेन पटेल, मुख्य अतिथि, श्री शिशिर सिन्हा, विशिष्ट अतिथि, श्री योगेन्द्र उपाध्याय, मा0 उच्च शिक्षा मंत्री, विशिष्ट अतिथि, श्रीमती रजनी तिवारी, मा0 उच्च शिक्षा राज्य मंत्री और कुलपति प्रो. नरेन्द्र बहादुर सिंह ने प्रदान किए।

तदुपरान्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री शिशिर सिन्हा (CPET) को डी. लिट की मानद उपाधि एवं मान पत्र राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, शिशिर सिन्हा ने बोलते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग करना उनके लिए अत्यंत गौरव का विषय है। उन्होंने अपने अभिभाषण में विश्वविद्यालय, शिक्षकों एवं अभिभावक गणों की सराहना करते हुए उन्हें विद्यार्थियों के साथ साथ शुभकामनाएँ दीं । उन्होंने सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं से अपेक्षा की कि वे विज्ञान और नैतिक मूल्यों को मिश्रित कर अपने जीवन में आत्म सात करेंगें । उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सबसे अधिक युवा जनसंख्या है जिसके कारण हमारा देश एक तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था की श्रेणी में शुमार हो चुका है। उन्होंने विज्ञान और तकनीक पर ज़ोर देते हुए भविष्य के भारत की कल्पना करने का आह्वान किया। उन्होंने सभी को लर्निंग के साथ साथ अनलर्न के स्किल्स को सीखने की सलाह दी। वहीं अपने उद्बोधन में महामहिम श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने लड़कियों द्वारा सर्वाधिक मेडल प्राप्त करने पर हर्ष व्यक्त किया एवं सभी को बधाई दी।

अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि परिश्रम करना हमारा कर्तव्य है एवं अवॉर्ड से अधिक महत्वपूर्ण ज्ञान होता है जो सदैव उपयोगी होता है। और इसी वजह से आप पढ़ते रहिए साथ ही लाइब्रेरी में उपलब्ध पुस्तकों का भी लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने इतिहास पर प्रकाश डालते हुए इस कहा की विदेश से लोग आए और हमारी तकनीक को अध्यन कर कई अविष्कार कर अपने नाम कर लिया । साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय से कहा की अलग-अलग भाषाओं में लिखी गई पुस्तकों का अनुवाद होना चाहिए जिससे हमारे युवा वर्ग को हमारे समृद्ध ज्ञान एवं कौशल से अवगत कराया जा सके । साथ ही पाठ्यक्रमों में भी इस बारे में उल्लेख होना चाहिए की विद्वानों ने किस तरह ये सब लिखा है । उन्होंने अपने वक्तव्य में ये भी कहा की उपाधि प्राप्तकर्ताओं के साथ साथ ये प्रदेश एवं देश की भी उपलब्धि है। क्यूंकि किसी भी देश के विकास कि परिभाषा वहाँ के नागरिकों के शिक्षा के स्तर से आंकी जाती है । साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दीक्षांत समारोह का अवसर आपके लिए अपनी उपलब्धियों पर गौरबान्वित होने के साथ साथ आप द्वारा भविष्य के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्यों पर अग्रसर होने का भी अवसर है । आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि विद्या वो है जो हमें बंधनों से मुक्त करे।

इसके पश्चात् कुलाधिपति द्वारा विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उदघाटन भी किया गया। वहीं उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थियों को अपने ज्ञान का अर्जन समाज के हित में लगाना चाहिए। नवम् दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि NAAC की तैयारी आप की लगभग हो चुकी है अब एनआईआरएफ की तरफ़ प्रयासरत हों।
दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ. नीरज शुक्ला ने किया। इस अवसर पर वित्त अधिकारी साजिद आजमी कुलसचिव डॉ. महेश कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ भावना मिश्रा,दीप्ति मिश्रा, प्रो चन्दना डे, प्रो मसूद आलम, प्रो हैदर अली, प्रो तनवीर ख़दीजा ,सहित समस्त शिक्षक , कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवायी।

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